Om Jai jagdish hare : ॐ जय जगदीश हरे

॥ बोलो लक्ष्मी नारायण जी की जय ॥

ॐ जय जगदीश हरे,

स्वामी जय जगदीश हरे ।

भक्त जनों के संकट,

क्षण में दूर करे ॥

॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

 

जो ध्यावे फल पावे,

दुःख बिनसे मन का।

सुख सम्पति घर आवे,

कष्ट मिटे तन का ॥

॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

 

मात पिता तुम मेरे,

शरण गहूं किसकी ।

तुम बिन और न दूजा,

आस करूं मैं जिसकी ॥

॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

 

तुम पूरण परमात्मा,

तुम अन्तर्यामी।

पारब्रह्म परमेश्वर,

तुम सब के स्वामी ॥

॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

 

तुम करुणा के सागर,

तुम पालनकर्ता।

मैं मूरख फलकामी,

कृपा करो भर्ता॥

॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

 

तुम हो एक अगोचर,

सबके प्राणपति।

किस विधि मिलूं दयामय,

तुमको मैं कुमति ॥

॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

 

दीन-बन्धु दुःख-हर्ता,

ठाकुर तुम मेरे।

अपने हाथ उठाओ,

द्वार पड़ा तेरे ॥

॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

 

विषय-विकार मिटाओ,

पाप हरो देवा।

श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ,

सन्तन की सेवा ॥

 

ॐ जय जगदीश हरे,

स्वामी जय जगदीश हरे ।

भक्त जनों के संकट,

क्षण में दूर करे ॥

॥ बोलो लक्ष्मी नारायण जी की जय ॥

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