आरती करो हरिहर की करो (Aarti karo Harihar ki karo)

 

आरती करो हरिहर की करो,
नटवर की भोले शंकर की,
आरती करो शंकर की।।

।। आरती करो हरिहर की करो…।।

सिर पर शशि का मुकुट संवारे,
तारों की पायल झनकारे।
धरती अम्बर करते तांडव,
लीला से नटवर की,
आरती करो शंकर ।।1।।

।।आरती करो हरिहर की करो…।।

फण का हार पहनने वाले,
शम्भू है जग के रखवाले।
सकल चराचर डगमग नाचे,
ऊँगली पर विषधर की,
आरती करो शंकर की ।।2।।

।।आरती करो हरिहर की करो…।।

महादेव जय जय शिवशंकर,
जय गंगाधर जय डमरूधर।
हे देवो के देव मिटाओ,
तुम विपदा हर घर की,
आरती करो शंकर की ।।3।।

।।आरती करो हरिहर की करो…।।

आरती करो हरिहर की करो,
नटवर की भोले शंकर की,
आरती करो शंकर की।।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *